दिल्ली विधानसभा चुनाव से वहां की सियासत में हलचल तेज हो गई है, इसी बीच नेताओं के दल बदलने का सिलसिला भी तेज हो गया है. अब तक कई नेता पार्टी बदल चुके हैं जिसमें सबसे चर्चित नाम आप नेता और दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत का है.

उन्होंने कल ही मंत्री पर और आम आदमी पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दिया और आज वो भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. दिल्ली बीजेपी मुख्यालय में उन्होंने आधिकारिक रूप से भाजपा की सदस्यता ली.

इस मौके पर बीजेपी नेता मनोहर लाल खट्टर, दुष्यंत गौतम, हर्ष मेहरोत्रा सहित कई नेता मौजूद थे. पार्टी बदलने के बाद उन्होंने कहा कि ये फैसला मैने एक रात में नहीं लिया है और ना ही किसी दबाव में आकर लिया है.

कैलाश गहलोत ने कहा कि जो लोग ये नैरेटिव गढ़ रहे हैं कि मैने सीबीआई और ईडी के दबाव में आकर पार्टी छोड़ी है तो ये पूरी तरह से गलत है. मैं पेशे से वकील हूं और वकालत छोड़कर आम आदमी पार्टी से जुड़ा था क्योंकि उस पार्टी में मुझे उम्मीद नजर आई थी, मेरा मकसद लोगों की सेवा करना था.

उन्होंने कहा कि मैने अपने राजनीतिक करियर में कभी भी किसी के दबाव में काम नहीं किया. बता दें कि कैलाश गहलोत दिल्ली सरकार में मंत्री थे और उनके पास 5 अहम मंत्रालय के कामकाज का जिम्मा था जिसमें परिवहन मंत्रालय, प्रशासनिक सुधार मंत्रालय, सूचना एवं प्रौद्यौगिकी मंत्रालय, गृह मंत्रालय और महिला व बाल विकास मंत्रालय शामिल था.

गहलोत के इस्तीफे को आप नेताओं ने बीजेपी की साजिश बताते हुए कहा कि वो भाजपा के दबाव में थे, उनसे ईडी पूछताछ कर रही थी, उनके पास इसके सिवा कोई दूसरा रास्ता नहीं था.

इस्तीफा देने के बाद कैलाश गहलोत ने आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने कई गंभीर आरोप लगाए.

अपने पत्र में उन्होंने कहा कि हमने जिस यमुना को स्वच्छ नदी बनाने का वादा किया था वो पहले से कहीं ज्यादा प्रदूषित हो गई है. इसके अलावा दर्दनाक बात ये है कि हम लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने के बजाए केवल राजनीतिक एजेंडे के लिए लड़ रहे हैं.

इससे दिल्ली के लोगों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने में कठिनाईयां हो रही हैं. गहलोत ने कहा कि नया बंगला जैसे कई शर्मनाक और अजीबोगरीब विवाद हैं जो सभी को संदेह में डाल रहे हैं