कैलाश गहलोत ने आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया है क्योंकि कभी भी उनके अरविंद केजरीवाल या पार्टी के किसी अन्य सदस्य से नाराजगी के चर्चे नहीं रहे हैं. ऐसे में आप कार्यकर्ता और समर्थक द्वाराल उनके द्वारा चुनाव से कुछ ही समय पहले लिए गए इस फैसले चौंक गए हैं.
आइए जानते हैं आखिरकार कौन है कैलाश गहलोत जिनके अचानक इस्तीफे से दिल्ली में सियासी हलचल तेज हो गई है. दिल्ली के नजफगढ़ इलाके से दो बार के विधायक रहे कैलाश गहलोत पिछले दिनों उस समय चर्चा में आए थे जब 15 अगस्त को आतिशी की जगह एलजी विनय कुमार सक्सेना ने उन्हें तिरंगा फहराने का अधिकार दिया था.
कैलाश गहलोत की गिनती आम आदमी पार्टी के लोकप्रिय नेताओं और अरविंद केजरीवाल के विश्वासपात्रों में की जाती है. आतिशी को हाल ही में जब सीएम पद की ताजपोशी की गई थी तो उन्हें एक बार फिर से कैबिनेट में शामिल किया गया था.
विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र रहे कैशाल पेशे से वकील हैं, वो सर्वोच्च न्यायायल और दिल्ली हाईकोर्ट में वकालत कर चुके हैं. कैलाश गहलोत जाट परिवार से आते हैं, उनकी दो बेटियां भी हैं.
राजनीतिक करियरः
अगर उनके राजनीतिक करियर की बात की जाए तो साल 2015 में अरविंद केजरीवाल ने नजफगढ़ सीट से टिकट दिया था. उम्मीदों पर खरा उतरते हुए उन्होंने जीत दर्ज की और इनेलो के भारत सिंह को हराया. वो पहली बार विधायक निर्वाचित हुए थे, जबकि साल 2020 में उन्होंने जीत को दोहराते हुए कैलाश गहलोत ने बीजेपी के अजित सिंह खरखरी को हराया था. इस चुनाव में बीजेपी नेता अजित सिंह को 75,276 वोट मिले थे जबकि कैलाश गहलोत ने 81,507 वोट हासिल किए थे.
मिला मंत्री पदः
फरवरी 2015 में जब आदमी पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार आई तो अरविंद केजरीवाल ने उन्हें अपनी कैबिनेट में शामिल किया, इस दौरान उन्हें अहम मंत्रालय दिया गया था. साल 2020 में जब अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आप ने तीसरी बार सरकार बनाई तो कैलाश गहलोत को एक बार फिर कैबिनेट मंत्री के रुप में चुना गया. आतिशी कैबिनेट में उन्हें कैलाश गहलोत के पास परिवहन, प्रशासनिक सुधार, सूचना एवं प्रोद्योगिकी, होम और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.