Solar Eclipse- जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच से होकर गुजरता है तो इस दौरान सूर्य का कुछ अंश ढ़क जाता है. इस खगोलीय घटना को ग्रहण कहा जाता है. इस साल दूसरा ग्रहण लगने जा रहा है. ये साल का आखिरी सूर्यग्रहण होगा. गौरतलब है कि जब भी सूर्यग्रहण लगता है तो आसमान में कुछ दुर्लभ द्रश्य देखनो को मिलते हैं. इसी में एक द्रश्य रिंग ऑफ फायर भफी है. इस बार भी सूर्यग्रहण पर रिंग ऑफ फायर देखने को मिलेगा. क्या ये दुर्लभ नजारा भारत में देखने को मिलेगा?

क्या होता रिंग ऑफ फायरः

वलय़ाकार सूर्यग्रहण के दौरान जब चांद की छाया सूर्य पर पड़ती है तो एक छल्ले के आकार जैसा द्रश्य नजर आता है. इसकी रोशनी काफी तेज चमकती है. इसे साइंस की भाषा में एन्युलर सोलर एक्लिप्स भी कहते हैं. लेकिन ये जरुरी नहीं हैं कि ये ग्रहण के दौरान नजर आए.

हालांकि ये जरुरी नहीं होता है कि हर सूर्यग्रहण के दौरान इस तरह का द्रश्य देखने को मिलें. ये कई बार सालों में एक बार दिखाई देता है इसलिए लोग इस घटना को देखने के लिए बेकरार रहते हैं.

क्या भारत में दिखेगा रिंग ऑफ फायरः

सूर्य ग्रहण की बात करें तो ये 2 अक्तूबर को रात में 9 बजकर 13 मिनट में शुरु होगा और 3 बजकर 17 मिनट़ पर खत्म होगा. जब सूर्यग्रहण लगेगा तो भारत में रात का समय होगा. इसलिए ये सूर्यग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसके साथ ही भारत के लोग रिंग ऑफ फायर का नजारे का लुत्फ नहीं उठा पाएंगे.

वहीं रिंग ऑफ फायर की घटना को कई देशों में देखा जाएगा जिसमें अर्जेंटीना, पेरू, साउथ अमेरिका समेत अन्य जगहों पर देखा जाएगा. सूर्यग्रहण का समय रात में पड़ने की वजह से भारत में सूतक काल नहीं लगेगा. सूतक काल वो समय होता है जब किसी भी शुभ कार्य मनाही होती है. इस अवधि में मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं. लेकिन इस बार भारत में इसका प्रभाव नहीं होगा.