भाजपा की ओर से बटोगे तो कटोगे का नारा अब उनके अपने सहयोगियों को ही रास नहीं आ रहा है. महाराष्ट्र में बीजेपी की दोनों प्रमुख सहयोगी दल एनसीपी अजित पवार गुट और शिवसेना एकनाथ शिंदे गुट ने भाजपा के इस नारे से दूरी बनाते हुए साफ कर दिया है कि ये सब महाराष्ट्र में नहीं चलेगा.

सहयोगियों के साथ ना देने से विपक्षी दलों को भाजपा को घेरने का एक और मौका मिल जाएगा. महायुति गठबंधन में सबसे पहले अजित पवार ने इस नारे का विरोध किया, इसके बाद अब सीएम एकनाथ शिंदे ने भी कह दिया कि बटेंगे तो कटेंगे का नारा महाराष्ट्र में नहीं चलेगा.

दरअस्ल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ये नारा दिया था, इस नारे के जरिए भाजपा हिंदू वोटों को एकजुट करने की जुगत में है. महाराष्ट्र में भाजपा के दोनों सहयोगी दल इस नारे को विभाजनकारी मानकर चल रहे हैं, दोनों को ही लगता है कि इस तरह के नारों से उनका मुस्लिम वोट बैंक खिसक जाएगा.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे चाहते हैं कि बटेंगे तो कटेंगे वाले नारे पर महाराष्ट्र में राजनीति नहीं होनी चाहिए. माना जा रहा है कि महाराष्ट्र की पारंपरिक राजनीति में ये नारा फिट नहीं बैठ रहा है.

कहा जा रहा है कि सामाजिक समीकरणों में सेकुलर वोट बड़े पैमाने पर शिवसेना और एनसीपी को मिलते आए हैं. दोनों ही पार्टियों ने मुस्लिम वोटों को अपने साथ जोड़ कर रखा और कभी ऐसी स्थिती नहीं आने दी कि उनसे दूरी बने.

शिवसेना के सबसे बड़े नेता बाला साहेब ठाकरे भी ही कट्टर हिंदुत्व का चेहरा रहे हों मगर मुस्लिम समुदाय से भी उन्होंने अपना जुड़ाव बनाए रखा. बता दें कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बटोगे तो कटोगे का नारा दिया.