UPPCL: हाल ही में UP के पावर कारपोरेशन ने सभी बिजली उपभोक्ताओं को राहत देने का निर्णय लिया है. बता दे कि अब से बिल का आंशिक भुगतान करने पर आपके घर की लाइट नहीं काटी जाएगी. लेकिन अगर बिजली कट जाती है तो बिल का 25% भुगतान कर के आप फिर से अपनी बिजली जुड़वा सकते हैं.

पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार ने बिजली बिल जामा करने के लिए कुछ नए आदेश दिए है जिसके तहत बिजली यूज करने वाले उपभोक्ता को कुल बिल का लगभग 10% और अन्य श्रेणी के बकायदारों को 25% की धन राशि जमा करने की सुविधा दें दी गई है. खास बात ये है कि अगर आपका बिल बकाया है और आपकी लाइट काट दी गई है तो आप केवल 25% बिल को जमा करके फिर से बिजली का उपयोग कर सकते हैं.

इसी के साथ ही विभागीय कैश काउंटर, ऑनलाइन व अन्य बिल कलेक्शन एजेंसियों को बिजली बिल के आंशिक भुगतान की सुविधा देने के लिए अब किसी से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी. बता दें की जो उपभोक्ता आंशिक भुगतान करते है वह अब से महीने में एक से अधिक बार भुगतान कर सकते है. इसके अलावा भुगतान राशि पर जो राशि आपने जमा करी है इसके साथ ही शेष बिल राशि भी लिखी जाएगी.

भुगतान आंशिक के मामलों में भुगतान करने वाली रसीद पर यह भी लिखा रहेगा कि ‘विद्युत बिल बकाया होने की स्थिति में विद्युत वितरण निगम के पास विद्युत संयोजन काटने का अधिकार सुरक्षित है. कनेक्शन के कटने से बचने के लिए उपभोक्ता सभी समय पर बिल को जम करें.

बकाएदार उपभोक्‍ताओं को दी गई हिदायद:

इसी के जिन उपभोक्ता का बिल शेष है उनको यह बताया गया है कि आंशिक भुगतान करें बिना बिजली को जुड़वाने पर उपभोक्ता पर मुकदमा पंजीकृत किया जाएगा. इसी के साथ ही जुर्माना भी लगाया जाएगा.

अब बस स्टेशन पर नहीं होगी बिजली की समस्या:

परिवहन निगम डिपो के कायाकल्प के लिए इसे PPP मॉडल के तहत चयनित किया गया है. जिसके तहत हर डिपो में 25 किलोवाट के क्षमता वाले सोलर पैनल को लगया जाएगा. जिसके बाद विभाग को लगभग 40 हजार रुपये के बिजली बिल से छुटकारा मिल जाएगा. इसी के साथ ही विभाग पर बजट का सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. सोलर पैनल लगाने के लिए विभाग द्वारा पूरी तैयारी कर ली गई है जल्द ही इस पर काम शुरु कर दिया जाएगा.

पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के अंतर्गत बहुत जल्द ही ऊर्जा उत्पादन की शुरुआत की जाने वाली है. इस समय में सोलर पैनल लगाने का निर्णय इस दिशा में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा सकती है. यह सरकार की ऊर्जा बचत और पर्यावरण संरक्षण की योजनाओं के अनुरूप हैं.

अधिकारियों ने बताया कि 25 KW की क्षमता वाले सोलर पैनस हर वर्ष लगभग 30,000 यूनिट बिजली का उत्पादन कर सकते है. जिससे डिपो के कार्यालय, वर्कशाप, यात्री प्रतीक्षालय, स्टाफ रूम, और अन्य बिजली से संचालित उपकरणों का आसानी से चलाया जा सकता है. बता दे की सौर ऊर्जा का उपयोग परिवहन निगम के लिए आर्थिक लाभ के साथ-साथ पर्यावरण के लिए भी काफी ज्यादा लाभ दायक है.

इससे वातावरण में होने वाले प्रदूषण को भी काफी हद तक कम किया जा सकेगा. इससे हम 20 साल तक अपना काम कर सकते है और इसी के साथ इसकी देखरेख अच्छी तरह से की जाए तो इसे और अधिक समय तक चलाया जा सकता हैं. इन पैनलों में ज्यादा खर्चा भी नहीं होता है केवल इनकी साफ-सफाई और निराक्षण में कुछ लागत आती है.

इस पहल की सराहना स्थानीय निवासियों के साथ ही समर्थको ने भी की है. उन्होने यह कहा कि सरकारी संस्थानों में सोलर पैनल नवाचारों को अपनाना काफी ज्यादा महत्व पूर्ण है. क्योंकि इसे ही उर्जा संरक्षण को बढ़ावा मिल सकता है. इसके अलावा इस प्रकार की परियोजनाएं उर्जा को बचाने के लिए भी लोगों के बीच जागरुकता को फैलाएंगी.

क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी ने बताया कि- इस योजना से डिपो का कार्बन फुटप्रिंट घटाने में काफी ज्यादा मदद मिलने वाली है. यह परियोजना आने वाले समय में पर्यावरण के संरक्षण के प्रति परिवहन विभाग की जिम्मेदारी को भी दर्शाती है. इस परियोजना से पर्यावरण लाभ के साथ-साथ आर्थिक लाभ में भी मदद मिलने वाली है. इसी प्रकार यह पहल विभाग के बजट को संतुलित करने में अधिक से अधिक सहायता करेगी. इसी के साथ सरकार की हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने की नीति का अनुसरण करेगी.