अमेरिका में हुए राष्ट्रपति चुनाव में शानदार जीत हासिल करने वाले डोनाल्ड ट्रंप वहां के 47वें राष्ट्रपति बन गए हैं. इससे पहले वो 45वें राष्ट्रपति का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं लेकिन पिछले चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. अब एक बार फिर वो सबसे ताकतवर देश के राष्ट्राध्यक्ष बन चुके हैं. वो जनवरी माह में शपथ लेंगे.
अमेरिका में हुए इस सत्ता परिवर्तन का असर दुनियाभर में देखने को मिल रहा है. यही वजह है कि कल शेयर बाजार में जोरदार तेजी के बाद आज भारतीय बाजार में तगड़ी गिरावट देखने को मिली.
ट्रंप रिन्यूवेबल एनर्जी के विरोधी रहे हैं और उन्होंने चुनाव के दौरान वादा यिका था कि अगर वो सत्ता में आएंगे तो अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं को रोक देंगे. यही कारण है कि उनके जीतने के बाद अमेरिकी शेयर बाजार में रिन्यूवेबल एनर्जी सेक्टर से जुड़े शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली.
इसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ा और यहां भी रिन्यूवेबल एनर्जी सेक्टर के शेयर धड़ाम हो गए. भारत में रिन्यूवेबल एनर्जी सेक्टर से जुड़ी कंपनियां सुजलॉन एनर्जी, वारी एनर्जीज, जेनसोल इंजीनियरिंग, आईनॉक्स विंड एनर्जी जैसे तमाम कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखने को मिली.
अमेरिका में इस सेक्टर से जुड़ी कंनियों के शेयरों में 5 से 14 फीसदी की तगड़ी गिरावट देखी गई. बता दें कि ट्रंप ने जलवायु परितर्वन को एक महत्वपूर्ण मुद्दा मानने से इंकार करते हुए इसे धोखा करार दिया था.
उनका मानना है कि रिन्यूवबेल एनर्जी परियोजनाएं देश की ऊर्जा स्वतंत्रता को कमजोर कर सकती हैं. पिछली बार सत्ता संभालने के बाद उन्होंने पेरिस जलवायु समझौते से हाथ खींच लिया था. एक बार फिर ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद इस क्षेत्र के निवेशकों की चिंताएं बढ़ गई हैं.