क्या आप किसी ऐसे देश की कल्पना कर सकते हैं जहां एक भी खेत ना हो। भले ही आपके लिये यह कल्पना मुश्किल हो लेकिन ऐसा देश दुनिया में मौजूद है। वह देश है सिंगापुर। यहाँ खेत का नामो निशान नहीं मिलेगा। लेकिन खेत ना होते हुए भी यहाँ पर किसी चीज की कोई कमी नहीं है।
आयात
सिंगापुर चीन, मलेशिया, थाईलैंड, और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से विभिन्न खाद्य पदार्थों का आयात करता है। सरकार ने कई देशों के साथ व्यापारिक समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं ताकि खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके और उपभोक्ताओं के लिए उचित कीमत पर खाद्य पदार्थ उपलब्ध हों।
नई कृषि तकनीक अपनाई
सिंगापुर ने वर्टिकल फार्मिंग और अत्याधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाया है। कुछ कंपनियाँ जैसे सकुरा वर्टिकल फार्म और सिंगापुर एग्रिटेक ऊर्ध्वाधर खेती का प्रयोग करती हैं, जहाँ इमारतों की छतों और इंडोर फार्मिंग द्वारा सब्जियाँ और जड़ी-बूटियाँ उगाई जाती हैं।
इसके अलावा सिंगापुर ने फूड इनोवेशन के माध्यम से वैकल्पिक प्रोटीन जैसे कि प्रयोगशाला में बनाए गए मांस, शैवाल आधारित उत्पाद और प्लांट-आधारित प्रोटीन पर भी शोध किया है। इसके अलावा खाद्य कचरे को कम करने के लिए भी सिंगापुर सरकार कई प्रोजेक्ट्स चला रही है।
सिंगापुर दुनिया के सबसे छोटे देशों में से एक है, जिसका क्षेत्रफल 735 किलोमीटर स्क्वायर है। दुनिया में यह एकमात्र देश है जहां एक भी खेत नहीं है। 1965 में मलेशिया से अलग होकर नए सिंगापुर का जन्म हुआ। इसे सिंहों का द्वीप कहा जाता है। भले ही इस देश में खेत ना हों लेकिन यह एशिया की चौथी और दुनिया की नौंवी बड़ी अर्थव्यवस्था है।