हर युवा का सपना सरकारी नौकरी पाने का होता है। कोई बैंक में नौकरी चाहता है तो कोई रेलवे या डिफेंस में नौकरी पाने का सपना रखता है। लेकिन सफलता कुछ को ही मिल पाती है। वहीं यूपी का एक ऐसा गांव है जहां हर घर में सरकारी नौकरी है। इस गांव ने तरक़्क़ी की ऐसी नजीर पेश की है कि बाकी गांव भी अपनी सफलता का रास्ता तलाश सकते हैं।
यह गांव उत्तर प्रदेश के संतकबीर नगर जिले में है। यहाँ हर घर में सरकारी नौकरी है। मेंहदावल के एकला शुक्ल गांव में आईएएस और पीसीएस के अलावा बड़ी संख्या में शिक्षक हैं। एक व्यक्ति इसरो में वैज्ञानिक भी है। क़रीब 250 की आबादी वाले इस गांव में पचास से अधिक लोग सरकारी सेवा में हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में लोग निजी कंपनियों में भी बड़े पदों पर तैनात हैं।
कंपटीशन की भावना ने गांव की तस्वीर बदल दी
गांव को आगे बढ़ाने में बढ़े बूढ़ों ने अहम भूमिका निभाई है। पढ़ाई की चर्चा में मशगूल बच्चों का उत्साह बड़े-बूढ़े बढ़ाते हैं। तीन दशक पूर्व तक गांव के लोग खेती-किसानी पर ही निर्भर थे। लेकिन उसके बाद यहां शिक्षा का ऐसा उजाला फैला कि सभी उसमें समाते चले गए। बच्चों की शिक्षा पर पूरा ध्यान केंद्रित हो गया। उसका नतीजा भी आया और यहां के बच्चे सरकारी नौकरी में चयनित होने लगे। हालांकि ज्यादातर बच्चों की प्राथमिक शिक्षा मेंहदावल जैसे साधारण कस्बे में ही पूरी हुई है। लेकिन आज वह देश के कोने-कोने में अच्छे पदों पर सेवा दे रहे हैं।
गांव में पढ़ाई की प्रतिस्पर्धा है। हर बच्चा खुद को बेहतर बनाने में लगा रहता है। गांव की चौपाल में पढ़ाई की चर्चा होती है। गांव में बच्चों को बेहतर शिक्षा के लिए प्रेरित किया जाता है। सफल हुए लोगों की जीवनशैली व चकाचौंध दिखाकर बच्चों को बेहतर शिक्षा के लिए आकर्षित करते हैं।