दिवाली पर्व के मुहूर्त और तारीख को लेकर इस बार UP में भी काफी कन्फ्यूजन बना हुआ है. एक तरफ काशी के विद्वत परिषद् ने 31 तारीख को दिवाली का पर्व मनाने की बात कही है. वहीं दूसरी ओर राम मंदिर और काशी विश्वनाथ मंदिर का मुहूर्त निकालने वाले आचार्य गणेश्वर शास्त्री ने बताया की दिवाली का शुभ पूजन मुहूर्त 1 नंवबर को हैं.

बता दें कि जब काशी विद्वत परिषद् ने शास्त्रार्थ के लिए बुलाया तो आचार्य गणेश्वर शास्त्री वहां नहीं गए. जिसके बाद काशी विद्वत परिषद् ने इस बात को स्पष्ट कर दिया कि दीपावली 31 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी. इस बात को लेकर अब कोई भ्रम की स्थिति में न रहे.

ज्योतिष विद्वानों की मानें तो दिवाली मनाने का सबसे अच्छा मुहूर्त 31 अक्टूबर को ही है. क्योंकि इस दिन सूर्यास्त से पहले ही अमावस्या की तिथि शुरु हो जाएगी. इस तिथि में मध्यरात्रि और प्रदोष में अमावस्या रहने वाली हैं.

31 अक्टूबर को दीपवाली का मुहूर्त कब है?

दिपावली का पर्व कार्तिक मास की अमावस्या की तिथि 31 अक्टूबर को 3:52 बजे से शुरु होगा. जोकि 1 नंवबर को शाम के 6:16 बजे तक रहने वाला है. बता दें की दिवाली का पूजन प्रदोष काल में किया जाता है इस कारण 31 अक्टूबर को शाम 5:36 से रात के 8:11 बजे तक पूजन का समय शुभ रहने वाला हैं.

आमने-सामने काशी के विद्वानों का वर्ग:

राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा ने मुहूर्त निकालने के बाद यह बताया कि ऋषिकेश पंचांग को छोड़ कर हर पंचाग में 1 नंवबर को दीवाली का पर्व मनाना शुभ दिख रहा हैं. लेकिन वही विद्वत परिषद ने यह कहा कि दिवाली का पर्व मनाने और पूजन करने का सबसे सही मुहूर्त 31 अक्टूबर को सांय काल में ही है.

क्या शास्त्रार्थ में शामिल नहीं हुए पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़:

एक न्यूज चैनल ने  जब इस विषय में पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ से जानकारी ली तो उन्होने कहा कि ऋषिकेश पंचांग के अलावा सभी पंचांग अनुसार पूरे देश में 1 नवंबर को ही सायं काल मुहूर्त में दीपोत्सव पर्व मनाने की तिथि है. इसी के साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस बात को स्पष्ट करने के लिए किसी भी संगठन के सलाह की आवश्यकता नहीं है.

काशी विद्वत परिषद द्वारा निर्धारित तिथि को ही माना जाए:

इसी के साथ ही जब काशी विद्वत परिषद से बात की गई तो उनका यह कहना है कि सनातन धर्म की सबसे प्राचीन और अधिकृत संगठन है. जिसके अनुसार- सनातन धर्म में मनाए जाने वाले त्योहार आयोजन की शुभ मुहूर्त और तिथि को निर्धारित किया जाता है. इस बार पूरे भारत देश में 31 अक्टूबर को दिवाली मनाने का शुभ मुहूर्त है.

इसी के साथ ही उन्होंने ये भी कहा की इस बात को लेकर किसी को भी कोई समस्या या दुविधा है को वह कार्यालय में आकर अपनी समस्या दूर कर सकता है और पूरी जानकारी ले सकता हैं.