Railway
रात में ट्रेनों की स्पीड: ट्रेन से सफ़र के दौरान आपने नोटिस ज़रूर किया होगा कि ट्रेनों की रफ़्तार दिन के मुक़ाबले रात में कहीं ज़्यादा रहती है। कभी आपने सोचा है आख़िर ट्रेनों की रफ़्तार दिन के समय में धीमी क्यों पड़ जाती है और उसी ट्रैक पर ट्रेन की रफ़्तार रात के समय में ज़्यादा होती है।  लंबी दूरी का सफ़र तय करने वाली ट्रेनों का ज़्यादातर सफ़र रात के समय में पूरा होता है। तो चलिए जानते हैं आख़िर क्या वजह है कि ट्रेनों की स्पीड दिन ढलते ही बढ़नी शुरू हो जाती है।

इसलिए रात में बढ़ जाती है ट्रेनों की रफ़्तार

रात के समय ट्रेनों की तेज रफ्तार का मुख्य कारण रेलवे ट्रैफिक में कमी और निर्बाध यात्रा का वातावरण है। रात में रेल ट्रैकों पर कम ट्रेनें होती हैं, जिससे ट्रेनों को अधिक गति से चलाने के लिए पर्याप्त खाली रास्ता मिलता है। इसके अलावा, कई यात्री ट्रेनें और लोकल ट्रेनें जो दिन में चलती हैं, वे रात में संचालन में नहीं होतीं, जिससे लंबी दूरी की एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनों को तेजी से चलने का मौका मिलता है।

रात के समय में ट्रेनों का ठहराव भी कम होता है, क्योंकि रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की संख्या कम होती है, जिससे ट्रेनें बिना अधिक रुके गंतव्य तक पहुँच सकती हैं।

भारत की सबसे तेज ट्रेन

भारत की सबसे तेज़ ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस है, जिसे पहली बार 2019 में लॉन्च किया गया था। यह ट्रेन अधिकतम 180 किमी/घंटा की गति तक पहुँच सकती है। हालांकि इसे कई मार्गों पर 160 किमी/घंटा की टॉप स्पीड पर चलाया जाता है। इस ट्रेन में वाई-फाई, जीपीएस सूचना प्रणाली, और एर्गोनोमिक सीटों जैसी आधुनिक सुविधाएं हैं, जिससे यात्री आरामदायक यात्रा का आनंद लेते हैं।

वंदे भारत के बाद तेजस एक्सप्रेस और गतिमान एक्सप्रेस आते हैं, जो 162 किमी/घंटा और 160 किमी/घंटा की स्पीड से चल सकती हैं। इनमें भी आधुनिक सुविधाएं जैसे स्वचालित दरवाजे, एलईडी लाइट्स, और ऑनबोर्ड कैटरिंग शामिल हैं। इन ट्रेनों के शुरू होने से यात्रियों को तेज़ यात्रा का विकल्प मिलता है, खासकर उन मार्गों पर जहाँ यात्रा का समय काफी घट गया है​