जिओ एक बार फिर इंटरनेट की दुनिया में हलचल लाने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। मुकेश अंबानी की अगुआई वाली रिलायंस जिओ ने ने भारत के टेलीकॉम सेक्टर को बदल कर रख दिया था। अब जिओ सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस की शुरुआत करने की दिशा में बढ़ रही है। कंपनी ने सरकार से सैटेलाइट स्पेक्ट्रम के लिए नीलामी आयोजित करने की माँग की है। सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस देने के मामले में अमेरिकी बिज़नेसमैन elon musk की starlink कंपनी दुनियाभर में मशहूर है।
jio ने सरकार को लिखा पत्र
जिओ का मानना है कि इससे सैटेलाइट और टेलीकॉम नेटवर्क के बीच एक बेहतर माहौल बनेगा और यूज़र्स को बेहतर सर्विस मिल सकेगी। जिओ ने सरकार को लिखे पत्र में कहा कि स्टार्लिंक और अमेजन कूइपर जैसी वैश्विक कंपनियाँ भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस शुरू करना चाहती हैं। चूँकि टेलीकॉम कंपनियाँ स्पेक्ट्रम के लिए नीलामी में भाग लेती हैं, इसलिए सैटेलाइट सर्विस के लिए भी यही प्रोसेस अपनाया जाना चाहिए। हालाँकि इसपर फ़िलहाल टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया यानी ट्राई ने कोई जवाब नहीं दिया है।
पहले आओ पहले पाओ पर Jio को आपत्ति
जिओ ने सरकार से ट्राई के कुछ नियमों में बदलाव की माँग की भी की है। उसका कहना है कि कंसलटेंट पेपर में सैटेलाइट स्पेक्ट्रम आवंटन के लिए क्लियर और ट्रांसपेरेंट पालिसी तैयार है। साथ ही पहले आओ पहले पाओ के आधार पर स्पेक्ट्रम आवंटन ग़लत है। यह तरीक़ा सही नहीं है और सभी कंपनियों को बराबर का मौक़ा नहीं देता है।
नए इंटरनेट युग की शुरुआत
जिओ की यह माँग भारत में इंटरनेट दुनिया के बदलने का संकेत देती है। सैटेलाइट इंटरनेट दूरदराज़ इलाक़ों में इंटरनेट की कनेक्टिविटी को बढ़ाने का काम करेगी। अब इंतज़ार है सरकार और ट्राई के फ़ैसले का कि वह इस दिशा में क्या कदम उठाती है।