उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर यूपी की सियासत में गहमागहमी तेज हो गई है. हरियाणा और जम्मू कश्मीर चुनाव नतीजे आने के बाद जब अखिलेश यादव ने 6 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का एलान किया तो ये सवाल उठने लगे कि क्या यूपी में सपा कांग्रेस का गठबंधन टूट जाएगा?

आज अखिलेश यादव ने इन तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए ये साफ कर दिया कि यूपी चुनाव में सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन बरकरार रहेगा. हालांकि अभी तक उन्होंने ये बताया है कि सपा और कांग्रेस के बीच सीट बटवारे का फार्मूला क्या रहेगा.

पार्टी सूत्रों की मानें तो समाजवादी पार्टी अपनी सहयोगी कांग्रेस को 02 सीटें दे सकती हैं. ये वही दो सीटें हैं जो सपा ने अपनी पूर्व सहयोगी आरएलडी को दी थी. कांग्रेस के खाते में गाजियाबाद सदर और मीरापुर सीट देने की बात चल रही है, हालांकि खैर सीट की भी चर्चा है.

कांग्रेस पार्टी ने 2024 लोकसभा चुनाव गाजियाबाद से लड़ा था इसलिए सपा चाहती है कि विधानसभा सीट भी कांग्रेस गाजियाबाद सदर से लड़े. मीरापुर सीट की बात की जाए तो यहां से आएलडी के चंदन चौहान जीते थे, सपा को लगता है कि यहां से कांग्रेस को लड़ाना ज्यादा उचित रहेगा.

कांग्रेस पार्टी की नजर खैर विधानसभा सीट पर है क्योंकि यहां पर कांग्रेस नेता अल्का लांबा ने बसपा प्रत्याशी रही चारू केन को कांग्रेस में शामिल कर लिया है. चारू दलित बिरादरी से आती हैं और जाट परिवार की बहू हैं. पिछले चुनाव में उन्हें यहां से 65000 वोट मिले थे.

कांग्रेस ये सोच रही है कि अगर चारू को प्रत्याशी बना दिया जाए तो ये सीट निकल सकती है. अब अखिलेश यादव और कांग्रेस आलाकमान को मिलकर अंतिम फैसला लेना है. बताया जा रहा है कि जल्द ही बाकी बची सीटों पर भी प्रत्याशियों के नाम का एलान हो सकता है.