उत्तर प्रदेश देश का महत्वपूर्ण राज्य है. देश के सबसे बड़े राज्यों में से एक उत्तर प्रदेश की धरती पर कई नदियाँ बहती हैं. जिनका ख़ास महत्व है. माना जाता है कि सिंधु नदी के बाद जिस नदी के किनारे भारतीय सभ्यता ने अपनी शुरुआत की वह गंगा नदी है. आइए जानते हैं प्रदेश की पांच सबसे बड़ी नदियों के बारे में आख़िर क्यों हैं ये इतनी ख़ास.
- गंगा: यह नदी उत्तर प्रदेश की सबसे प्रमुख नदी है, जो हिमालय के गंगोत्री ग्लेशियर से निकलती है। गंगा का तटवर्ती क्षेत्र कई प्रमुख शहरों जैसे कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी और हरिद्वार को समृद्ध बनाता है। गंगा का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है और इसे ‘माँ’ का दर्जा प्राप्त है।
- यमुना: गंगा की प्रमुख सहायक नदी यमुना है, जो हिमालय से निकलकर उत्तर प्रदेश के कई शहरों से होती हुई इलाहाबाद में गंगा में मिलती है। यमुना का तट मथुरा और वृंदावन जैसे तीर्थ स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। खूबसूरत इमारत ताजमहल आगरा में इसी नदी के तट पर बना हुआ है.
- घाघरा: यह नदी नेपाल से निकलकर उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से से गुजरती है। घाघरा का जलस्तर अक्सर बढ़ता है, जिससे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है। यह नदी गंगा में मिलती है और कृषि के लिए महत्वपूर्ण जल स्रोत है।
- गंडक: गंडक नदी भी बिहार से होकर आती है और उत्तर प्रदेश में प्रवेश करती है। यह नदी कृषि और जल आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण है।
- सरोवर: यह नदी भी राज्य में महत्वपूर्ण जल स्रोतों में से एक है, जो जलवायु संतुलन में मदद करती है।
इन नदियों का उत्तर प्रदेश की संस्कृति, अर्थव्यवस्था और समाज में गहरा प्रभाव है। ये नदियाँ न केवल जल प्रदान करती हैं, बल्कि कई धार्मिक पर्वों और त्योहारों का भी केंद्र बिंदु हैं।